हँलो दोस्तो,

इन्सान कि जीवनशैली ( Lifestyle ) और उसके कपडो की वजह से उनका अच्छा प्रभाव हमारे समाज मे देखने को मिलता है! उसके पहने हुये कपडो से ही उस इन्सान का मूल्यांकन किया जाता है!

ऐसे मे हमे ,हमेशा से ही अच्छे और Branded कपडो का आकर्षण होता है!  और इसकि वजहसे हि हम अकसर हजारों रुपये कपडो के ऊपर खर्च करते आ रहे है!

पर सहि मायनेमे हम खरिददार  कुछ ही हद तक कपडो के बारे मै जानते है, और बीना जाने ही हजारो रूपये खर्चा करते है!

तो चलीये,आज हम आपको जो जानकारी देंगे,उससे आपको सही परख करने मे आसानी होगी।

1. दुनिया मे सबसे ज्यादा कपडे काँटन (Cotton) से बनते है! 
पर आपको शायद हि पता होगा ,कि कपडो मे काँटन का उपयोग 100 % तक किया नहि जाता ,बल्कि उसमे 5 से 10 % तक पाँलिस्टर (Polister fabric)का इस्तेमाल किया जाता है!
पाँलिस्टर मतलब स्पोर्ट के जर्सी कपडे मे इस्तेमाल किया गया Fabrik,
ये इसिलीये किया जाता है,क्यु कि काँटन अपना रंग जल्दि छोड देता है,
उसमे पाँलीस्टर मिला देन से, रंग (colour) जाने कि समस्या काफि हद तक कम हो जाती है!


2.हमे अकसर ब्रेंडेड और मशहुर कंपनी के कपडे लेनेमे रूची होती है,जैसे कि Puma ,Jocky ,Adidas  etc.
पर हम मै से कुछ लोगों को हि ,सही ओरिजीनल Brands कि परख होती है,
याद रखें जो Original branded कपडे होते है उनकी (Striching) सिलाई अच्छी और मजबूत होती है!
Branded कपडोमे अच्छे Quality की fabric का इस्तेमाल किया जाता है,
3. मेहेंगे तथा branded कपडा लेने से हमे यहि लगता है कि,उसक colour  रंग नहि नीकलेगा,बल्की सच्चाई यहि है कि  Branded -non Branded कपडो का 10% colour उसकि पहली धुलाई मे हि निकल जाता है!
लेकिन यदि हम कपडो कि पहली धुलाई (First wash)  गरम पानी मे नमक डाल कर करे तो, Colour काफि हद तक कम निकलता है.........!!!!!

4. अब टि-शर्ट ( T- shirt ) के बारे में बात करे तो,हमे सबसे पहले टि-शर्ट कि GSM क्वालिटी को समझना होगा !
GSM मतलब Gram per square meter.
टि-शर्ट मे 180 GSM क्वालीटी कि selling सबसे ज्यादा होती है!